पैरालंपिक: बेटे की डाइट कम न हो, पिता ने उगाना शुरू कीं सब्जियां, मां ने बेचा गाय-भैंस का दूध

पैरालंपिक: बेटे की डाइट कम न हो, पिता ने उगाना शुरू कीं सब्जियां, मां ने बेचा गाय-भैंस का दूध

अंब (ऊना)

पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले निषाद का परिवार गरीबी से भी जूझ रहा है। प्रशिक्षण के दौरान बेटे को खुराक की कमी न हो, इसके लिए पिता ने पैसे कमाने के लिए खेतों में सब्जियां उगानी शुरू कर दीं। माता ने भी मवेशी पालकर गाय-भैंस का दूध बेचने का काम किया। आज उनकी मेहनत का फल मिल गया। रविवार को पैरालंपिक में निषाद के रजत पदक जीतने पर उनके माता-पिता और बहन बेहद खुश हैं। पिता रछपाल सिंह ने कहा कि बेटे की मेहनत और प्रतिभा पर यकीन तो था, लेकिन पैरालंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता का दबाव भी था। बेटा पैरालंपिक में देश के लिए मेडल जीते, इसके लिए निषाद की माता पुष्पा देवी ने घर में कुछ दिन पूर्व सत्यनारायण कथा करवाई थी।

रविवार को माता, पिता रछपाल सिंह और बहन रमा देवी ने स्थानीय मंदिर में निषाद की जीत के लिए प्रार्थना की। मुकाबले के समय चार बजे परिवार और आसपास के लोग घर का काम निपटाकर निषाद के घर टीवी पर नजरें गड़ाकर बैठ गए। पिता रछपाल सिंह का कहना था कि बेटे ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दोहराकर देश का नाम रोशन किया है।

हालांकि, उम्मीद थी कि बेटा गोल्ड का दावेदार था। एमकॉम की छात्रा निषाद की बहन रमा देवी ने कहा कि भाई पैरालंपिक में मैडल जीतेगा, इसका उन्हें पक्का यकीन था। भाई जब अंब स्कूल में 12वीं का छात्र था, तभी उनकी प्रतिभा सामने आई थी। इसके बाद उन्होंने आगे पढ़ाई करने के बजाय खेलों में कॅरिअर बनाने का फैसला किया और कोचिंग लेने के लिए पंचकूला चले गए।

निषाद के शुरुआती मुकाबले को परिजन टीवी पर नहीं देख पाए। उस समय डीडी चैनल पर लड़कियों के इवेंटी चल रहे थे। टीवी कमेंटेटर जो अपडेट दे रहे थे उसी से पता चल रहा। उसके बाद टीवी पी निषाद के आते ही परिजन गदगद हो गए। निषाद के अंतिम तीन में पहुंचने की खबर ने सभी को रोमांचित कर दिया।  

निषाद ने कहा कि उसका लक्ष्य 2.15 मीटर ऊंची कूद का है। अगर यह लक्ष्य पा लिया तो गोल्ड ला सकता हूं। हालांकि वे इससे चूक गए और गोल्ड लेने वाले ने 2.15 मीटर ऊंची कूद ही लगाई। 

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